रतलाम

शर्मनाक: रतलाम में मानवता हुई शर्मसार, अस्पताल की लापरवाही से नवजात ने तोड़ा दम

Ratlam: रतलाम जिले से हृदय को झकझोर देने वाली एक शर्मनाक खबर सामने आई है। अस्पताल की लापरवाही के चलते एक नवजात ने दुनिया में आने से पहले ही दम तोड़ दिया।
एक तरफ जहां यह खबर मानवता को शर्मसार करने वाली है वहीं दूसरी तरफ देश में स्वास्थ्य विभाग को आईना दिखाने का काम भी कर रही है।

रतलाम जिले के एक सामुदायिक अस्पताल में बार-बार समय नहीं हुआ कहकर गर्भवती महिला वापस भेजना एक नवजात की जिंदगी पर भारी पड़ गया। हृदय को झकझोर देने वाला यह मामला रतलाम जिले के सैलाना का बताया जा रहा है।

ठेलागाड़ी पर दिया महिला ने बच्चों को जन्म

आज की यह खबर सरकारी व्यवस्थाओं की पोल भी खोल रही है। महिला को हो रही लगातार असहनीय दर्द को देखते हुए जब पति को उसे अस्पताल ले जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिली तो वह अपनी पत्नी को एक ठेलागाड़ी में लेटाकर अस्पताल ले जाने लगा। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।

व्यवस्था के अभाव में नवजात ने जन्म तो लिया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। इस खबर को जिसने भी सुना वह दंग रह गया। मानवता को शर्मसार करने वाला यह मामला सरकारी तंत्र की पोल भी खोल रहा है।

रतलाम के सैलना का है मानवता को शर्मसार करने वाला यह मामला

मानवता को शर्मसार करने वाला जो मामला सामने आया है, यह
रतलाम के सैलाना का बताया जा रहा है। इस मामले का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। जिसमें एक पति अपनी पत्नी को असहनीय दर्द की हालत में ठेलागाड़ी पर अस्पताल ले जाते हुए दिखाई दे रहा है।

पाठकों को बता दें कि 23 मार्च को रतलाम जिले के सैलाना में कालिका माता मंदिर रोड निवासी कृष्णा ग्वाला की पत्नी नीतू ने अस्पताल द्वारा बार-बार समय नहीं हुआ बोल कर वापस भेजने के कारण ठेले पर ही नवजात को जन्म दे दिया। कृष्ण ग्वाला सुबह 9 बजे अपनी पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा था।

लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर मौजूद नर्स चेतना चारेल ने यह कह कर कि अभी डिलीवरी में दो-तीन दिन का समय है कृष्णा और उनकी पत्नी नीतू को घर वापस भेज दिया।

रात 1:00 बजे असहनीय दर्द होने के बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने फिर भेजा घर

कृष्ण ग्वाला ने बताया कि
रात 1 बजे वह अपनी पत्नी नीतू को असहनीय दर्द होने के कारण फिर से अस्पताल लेकर पहुंचा।
लेकिन इस बार भी अस्पताल में मौजूद नर्स ने लापरवाही की बरतते हुए उसे वापस भेज दिया।

उन्होंने बताया कि रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर नर्स गायत्री पाटीदार ने जांच के बाद 15 घंटे का समय और लगने की बात कहकर भर्ती करने से मना कर दिया। इसके बाद एक बार फिर से उसे अपनी पत्नी को घर ले जाना पड़ा।

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